दुर्ग | गुरमीत सिंह मेहरा। राज्य शासन द्वारा आम जनता को बेहतर यातायात एवं परिवहन के साधन उपलब्ध कराने की दृष्टि से राज्य के विभिन्न मार्गों में साधारण श्रेणी से लेकर वातानुकूलित शयन श्रेणी के निजी यात्री वाहनें संचालित है, जो आम जनता व यात्रियों को उनके निर्धारित गंतव्य तक प्रतिदिन पहुंचाने का काम करती है। राज्य शासन द्वारा इन्हीं संचालित निजी यात्री वाहनों में सफर करने वाले ऐसे व्यक्ति जो दृष्टिहीन है, बौद्विक दिव्यांग व्यक्ति, ऐसे दिव्यांग व्यक्ति जो दोनों पैरों से चलने में असमर्थ है, वरिष्ठ नागरिक जिनकी उम्र 80 साल या उससे अधिक है, एच.आई.व्ही. एड्स से पीड़ित व्यक्ति को यात्री किराये में 100 प्रतिशत छूट दी गई है। समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्ति का प्रमाण पत्र रखने वाले व्यक्ति को यात्री बस में सफर करने पर किराये में 50 प्रतिशत की रियायत छूट दिये जाने हेतु अधिसूचित गया है।
जिला परिवहन अधिकारी एस.एल. लकड़ा से मिली जानकारी के अनुसार त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए यह संभव है कि आम जनता द्वारा अपने गंतव्य में जाने हेतु अधिक आवाजाही होगी, जिसके फलस्वरूप यात्रियों से वाहन संचालकों द्वारा अवैध वसूली कर अधिक किराया दर वसूल किया जा सकता है। इस तथ्य की दृष्टि से राज्य के परिवहन अधिकारियों को अधिक किराया वसूली की शिकायतों पर तत्काल संज्ञान लेने एवं ऐसे यात्री वाहनों के विरूद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। परिवहन अधिकारियों को आमजनता को दृष्टिगोचर रूप से अपने गंतव्य के लिए निर्धारित किराये दर की जानकारी हेतु यात्री बसों में किराया सूची चस्पा हो यह सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
विभागीय प्रवर्तन अमले द्वारा निर्देशों के अनुपालन के तहत यात्री वाहनों की जांच करते हुए निर्धारित किराये की राशि से अधिक किराया वसूल करते पाये गये वाहन एवं बिना किराया दर सूची चस्पा किये संचालित होते पाए गए 349 यात्री वाहनों में चालानी कार्यवाही कर कुल 4 लाख 47 हजार 800 रू. समन शुल्क वसूल किया गया। विभाग द्वारा आम जनता से भी अपील की गई है कि शासन द्वारा जिन वर्गों को यात्री किराये में रियायत/छूट दी गई है, यदि यात्रा के दौरान वाहन संचालन द्वारा किराये में छूट नहीं दी जाती है, या किसी प्रकार का अभद्र दुर्व्यवहार या अवैध किराया दर वसूल किया जाता है तो इसकी शिकायत यदि कोई साक्ष्य या तथ्य भी हो तो संबंधित जिले के परिवहन अधिकारी से किया जाए। विभाग द्वारा परिवहन अधिकारी एवं प्रवर्तन अमले को ऐसी शिकातयों को त्वरित गंभीरता से लेने व इस दिशा में निरंतर चेकिंग कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है।