मुंबई। लोकसभा चुनाव 2024 में गठबंधन दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर रार खत्म नहीं हो रही है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के तीनों दल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ;शरद पवार गुट के बीच कई सीटों पर मतभेद गहरा गये हैं। राज्य की कुछ सीटें ऐसी हैं जिसमें गठबंधन के एक से ज्यादा दल अपनाी दावेदारी जता रहे है। मामले को सुलझाने और बीच का रास्ता निकालने के लिए शरद पवार ने मध्यस्थता भी की लेकिन उनका प्रयास भी नाकाम रहा। हालत यह हो गई है कि कुछ सीटों पर महाविकास अघाड़ी के दोनों दल फ्रेंडली फाइट करने की तैयारी में लग गये हैं।
इससे कार्यकर्ताओं की चिंता बढ़ गई है।कांग्रेस ने कहा. पुरानी सीटें छोड़ना संभव नहींशरद पवार के घर पर समझौते के लिए हुई बैठक में कोई पक्ष दूसरे की बात सुनने को तैयार नहीं था। जिन सीटों पर सबसे ज्यादा विवाद है उनमें भिवंडी सांगली उत्तर पश्चिम मुंबई सतारा और दक्षिण मध्य मुंबई की सीटें शामिल हैं। इन सीटों में से कई पर शिवसेना ;यूबीटी ने अपने उम्मीदवार उतार दिये हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि ये सीटें उनकी पुरानी सीट हैं और वर्षों से उनकी पार्टी के उम्मीदवार यहां से जीतते रहे हैं। ऐसे में दोनों दलों के बीच टकराव तेज हो गया है। इससे गठबंधन के कार्यकर्ता भी परेशान हैं और उनमें काफी नाराजगी है।शिवसेना ने उतार दिए अपने उम्मीदवारशिवसेना चाहती है कि कांग्रेस जिन सीटों पर दावा कर रही है उसको छोड़ दे उसके बदले वह उत्तर मुंबई और उत्तर मध्य मुंबई पर अपने उम्मीदवार उतारे। कांग्रेस इसको मानने को तैयार नहीं है। इससे तीनों दलों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। कुछ सीटें ऐसी हैंए जिस पर शिवसेना कांग्रेस के अलावा एनसीपी ;शरद गुट भी अपना दावा जता रही है।
अगर जल्द कोई रास्ता नहीं निकला तो इन सीटों पर गठबंधन की जीत भी मुश्किल हो जाएगी।सीटें प्रतिष्ठा का सवालअसंतोष और आपसी टकराव से जूझ रहे महाविकास अघाड़ी के घटक दलो में सीटों का विवाद बड़ा मुद्दा बन गया है। शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी ;पवार गुट तीनों दलों के लिए कई सीटें प्रतिष्ठा का सवाल बन गई हैं। इसके उलट राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना ;एकनाथ शिंदे गुट एनसीपी ;अजित पवार गुट और बीजेपी चुनाव में पूरी तैयारी के साथ एकजुट हो गये हैं।अभी हाल ही में दिल्ली के रामलीला मैदान पर विपक्षी दलों का गठबंधन इंडिया की सभा में सभी दलों ने एकजुटता दिखाते हुए इस चुनाव को मजबूती से लड़ने और केंद्र में बीजेपी को सत्ता से हटाने की ललकार लगाई थी लेकिन महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के बीच जिस तरह का विवाद दिख रहा हैए उससे एकजुटता पर सवाल खड़े हो गये हैं।