भिलाई | मिनल केडेकर | भिलाई इस्पात संयंत्र में प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को अग्निशमन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस तथा संविधान निर्माता डाॅ भीमराव आम्बेडकर के राष्ट्र निर्माण में योगदान को स्मरण करने आम्बेडकर जयंती का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भिलाई इस्पात संयंत्र के अग्निशमन केन्द्र परिसर में 14 अप्रैल को प्रातः 08ः00 बजे से संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता के मुख्य आतिथ्य में राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस का आयोजन किया जाएगा।गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर पूरे देश में 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस की थीम ‘अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करें, राष्ट्र निर्माण में योगदान दें’ है। इस दिन अग्नि सुरक्षा के प्रति जनता में जागरूकता पैदा करने हेतु अनेक कार्यक्रम चलाए जाते हैं। अग्निशमन जवानों की शानदार परेड, अग्निशमन वाहनों, यंत्रों, सुरक्षा उपकरणों का बेहतरीन प्रदर्शन भी किया जाएगा।
विदित हो कि दिनांक 14 अप्रैल 1944 को मुम्बई डाॅक यार्ड में हुई भीशण अग्नि पर काबू पाते हुए 66 अग्निशमन वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था। बलिदान और शौर्य के इस पल को यादगार बनाए रखने तथा राष्ट्र की जन-धन की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले अग्निवीरों को भावभीनि श्रद्धांजलि अर्पित करने एवं अग्नि सुरक्षा के लिए जनता में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से 14 अप्रैल को प्रतिवर्ष राष्ट्रीय अग्निशमन सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अम्बेडकर जयंती का आयोजनसेक्टर-6 स्थित बीएसपी हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्रातः 9ः00 बजे आयोजित कार्यक्रम में भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता के मुख्य आतिथ्य में डाॅ भीमराव आम्बेडकर को संयंत्र प्रबंधन द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। इस वर्ष 134वीं आम्बेडकर जयंती का आयोजन किया जा रहा है। इस दिन डाॅ आम्बेडकर जी के कार्य, विचारधारा तथा उनके जीवन के संघर्ष को समाज के कल्याण हेतु लोगों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाता है। भारतरत्न डॉ भीमराव आम्बेडकर भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।