धान खरीदी में छत्तीसगढ़ बना अग्रणी- किसानों में खुशी की लहर

दुर्ग । गुरमीत सिंह मेहरा । छत्तीसगढ़ शासन द्वारा खरीफ वर्ष 2024-25 के लिए धान खरीदी युद्ध स्तर पर की जा रही है। जिले के विभिन्न धान उपार्जन केंद्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जिससे किसानों में उत्साह और विश्वास का माहौल बना हुआ है। दुर्ग जिले में आज दिनांक तक 14157 किसानों से 65,645.00 मे. टन धान की खरीदी की जा चुकी है। ग्राम बोरई के कृषक सुतीक्षण यादव ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शासन की नई योजनाओं के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि “शासन की पहल से किसानों का आर्थिक आधार मजबूत हो रहा है।” पहले जहां एक क्विंटल धान के 2500 रूपए मिला करते थे।

मुख्यमंत्री विष्णु के सुशासन में 3100 रूपए प्रति क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है। वे बताते हैं प्रति एकड़ 15 क्वि. धान लिया जाता था। प्रति एकड़ उत्पादन अधिक होने की वजह से बाकी धान फुटकर बाजार या कोचियों के पास बेचने के लिए मजबूर थे। 21 क्वि. प्रति एकड़ की खरीदी से हमारी यह समस्या दूर हो गयी है। साथ ही कई उपयोगी तकनीकों के कारण धान खरीदी में पारदर्शिता भी आई है। जैसे इलेक्ट्रॉनिक मापयंत्र से तौल में गड़बड़ी की संभावना कॉफी कम हुई है।

धान उपार्जन केंद्रों में नई तकनीक और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। किसान अब “ऑनलाइन टोकन तुंहर हाथ” ऐप के माध्यम से धान बिक्री के लिए टोकन प्राप्त कर रहे हैं। केंद्रों पर माइक्रो एटीएम, इलेक्ट्रिक तौल मशीन, और पेयजल जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं, जिससे किसानों को कोई असुविधा न हो। शासन द्वारा इस वर्ष प्रति क्विंटल धान के लिए 3100 रुपये की दर तय की गई है, और प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की सीमा रखी गई है। विशेष बात यह है कि धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खातों में राशि स्थानांतरित की जा रही है। इस व्यवस्था से राज्य के किसानों को बड़ी राहत मिली है और यह कदम कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित हो रहा है। किसान संगठनों ने भी सरकार के इस प्रयास की सराहना की है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम राज्य को कृषि क्षेत्र में और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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