मुंबई | हस्तरेखा तज्ञ पंडित विनोद जी | पौष पूर्णिमा 13 जनवरी को है इस दिन से ही महाकुंभ का भी आगाज हो रहा है। पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। लेकिन, पौष मास में आने वाली पूर्णिमा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। साथ ही इस दिन से महाकुंभ का आरंभ भी हो रहा है। तो आइए जानते हैं पूर्णिमा के दिन दान पुण्य और स्नान का शुभ मुहूर्त कब से कब तक रहेगा। साथ ही जानें पूर्णिमा पर स्नान का विशेष महत्व।
पौष पूर्णिमा स्नान दान मुहूर्त
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन दान पुण्य और योग ध्यान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। साथ ही जरुरमंदों को दान पुण्य करना चाहिए।
वैसे तो पूर्णिमा के दिन किसी भी समय आप स्नान कर सकते हैं क्योंकि, पूर्णिमा का दिन वैसे ही पवित्र दिन माना जाता है। लेकिन, इसके बाद भी लाभ चौघड़िया सहित कई शुभ मुहूर्त में आप स्नान दान कर सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 30 मिनट से 6 बजकर 24 मिनट तक।
अमृत चौघड़िया सुबह 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 34 मिनट तक
शुभ चौघड़िया सुबह 9 बजकर 52 मिनट से 11 बजकर 11 मिनट तक
लाभ चौघड़िया दोपहर में 3 बजकर 7 मिनट से 6 बजकर 25 मिनट तक।
पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी के साथ साथ भगवान शिव और चंद्र देव की पूजा की जाती है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से और पूजा करने से कुंडली में बने चंद्र दोष से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है।पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के घर परिवार में सुख समृद्धि आती है। साथ ही भगवान शिव की इस दिन उपासना करने से व्यक्ति को संतान सुख की कामना पूरी होती है और कुंवारे लोगों को अच्छा जीवनसाथी मिलता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।