रीवा। समशेर सिंह गहरवार। जिले की 148 समितियां में क्षेत्रीय किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है। इसके बावजूद भी उप संचालक कृषि यूपी बागरी मनगढ़ंत जानकारी देने से परहेज नहीं कर रहे। किसानों को लगातार डीएपी खाद का संकट सता रहा है यहां तक की डबल लाख गोदाम भी खाद से खाली है। सुना गया है कि अभी तक खाद मालगाड़ी में सवार कटनी के रास्ते से रीवा पहुंचेगी। खाद कब तक रीवा पहुंचेगी यह बताने के लिए विपणन संघ प्रबंधक शिखा वर्मा ने भी अनाभिज्ञता जाहिर की। इसके बावजूद भी उप संचालक कृषि का दावा है कि किसानों के लिए खाद की समुचित व्यवस्था की गयी है। रीवा जिले में सहकारी समिति विपणन संघ तथा निजी विक्रेताओं के पास 21 नवम्बर की स्थिति में 12264 टन यूरिया तथा 652 टन डीएपी खाद उपलब्ध है। इसके साथ-साथ जिले में 2627 टन एनपीके, 79.95 टन एमओपी तथा 3906 टन सिंगल सुपर फास्फेट भी उपलब्ध है। इस संबंध में उप संचालक कृषि यूपी बागरी ने बताया कि जिले के किसान खाद की आपूर्ति के लिए चिंतित न हो। खाद की नियमित आपूर्ति जारी है। किसानों को अगले एक सप्ताह जितनी खाद की जरूरत उसी की खरीद करें।
उप संचालक ने बताया कि अब तक किसानों को 8754.9 टन यूरिया तथा 3784.8 टन डीएपी का वितरण किया जा चुका है। इसी तरह किसानों को 4790.6 टन एनपीके, 24.3 टन पोटाश खाद तथा 726.9 सिंगल सुपर फास्फेट खाद का वितरण किया जा चुका है। किसान भाईयों के लिए डीएपी के स्थान पर यूरिया और एनपीके अथवा यूरिया और एसएसपी खाद का उपयोग अधिक लाभकारी है। सिंगल तथा डबल लाक से प्रतिदिन खाद वितरित की जा रही है। जिस केन्द्र में अधिक संख्या में किसान खाद लेने पहुंच रहे हैं वहां अधिकारियों की निगरानी में टोकन देकर खाद का वितरण किया जा रहा है। वर्तमान में मार्कफेड, सहकारी समिति तथा निजी विक्रेताओं के पास खाद उपलब्ध है। जिले में 7 डबल लाक केन्द्रों में 15 पीओएस मशीन से खाद का वितरण किया जा रहा है। इसी तरह 148 सहकारी समितियों तथा निजी विक्रेताओं के माध्यम से भी खाद वितरित की जा रही है। रीवा में 21 नवम्बर को इफको डीएपी की रैक पहुंच रही है। इसका डबल लाक तथा सहकारी समितियों से वितरण किया जाएगा।