ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को राहत राशि का वितरण शुरू : क्रमिक भूख-हड़ताल खत्म

दुर्ग | सोनम कौर | फ़रवरी मार्च में धमधा ब्लाक में हुई ओलावृष्टि के कारण फसलों को व्यापक रूप से हुई क्षति और राहत राशि की मांग को लेकर प्रभावित किसानों का आंदोलन का समापन हो गया है, किसान बंधु के बैनर तले प्रभावित किसानों ने 8 अक्टूबर से धमधा के बस स्टैंड में अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख-हड़ताल शुरू कर दिया था इसका असर हुआ, भूख-हड़ताल के दूसरे दिन 9 अक्टूबर को रात 8 बजे एसडीएम सोनम डेविड पंडाल पहुंचे उन्होंने किसानों को बताया कि शासन ने राहत राशि जारी कर दिया है जो 2-3 में सर्वे सूची में शामिल राहत राशि से वंचित रह गए प्रभावित किसानों के खाते में जमा करा दिया जाएगा उन्होंने किसानों से भूख-हड़ताल समाप्त करने की अपील किया जिसका सम्मान करते हुए किसानों ने क्रमिक भूख-हड़ताल को तत्काल समाप्त करने का निर्णय लिया, एसडीएम के वायदे के अनुसार प्रभावित किसानों के बैंक खातों में राहत राशि जमा होना शुरू हो गया है |


उल्लेखनीय है कि ओलावृष्टि से फसलों को हुई क्षति के लिए राहत राशि की मांग को लेकर प्रभावित किसानों ने 2 अप्रैल को हिरेतरा में बैठक करके आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया था, 8 अप्रैल को धमधा के एसडीएम और 19 जुलाई को कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपकर शासन से राहत राशि प्रदान करने की मांग की थी मांग पूरी नहीं होने के कारण 10 सितंबर को सैकड़ों प्रभावित किसानों ने धमधा के बस स्टैंड के पास धरना प्रदर्शन किया था और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा था इस बीच कुछ गांव के प्रभावित किसानों को राहत राशि प्रदान कर दिया गया किंतु सैकड़ों किसान राहत राशि से वंचित रह गए थे इस पर प्रभावित किसानों ने बाबा टेक सिंह चंदेल किसान नेता के नेतृत्व में 8 अक्टूबर से धमधा बस स्टैंड में अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख-हड़ताल शुरू कर दिया था |


बाबा टेक सिंह चंदेल किसान नेता ने प्रभावित किसानों की सर्वे सूची बनाने वाले पटवारियों, राजस्व अधिकारियों, तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर और शासन के प्रति आभार व्यक्त किया है।
बाबा टेक सिंह चंदेल किसान नेता, ढालु वर्मा अध्यक्ष किसान बंधु संगठन धमधा ब्लॉक, सतीश सिन्हा, आत्मा राम साहू, हीरालाल चंदेल, भुवनेश्वर नेताम, रतिराम वर्मा , भवानी सिन्हा, सनत साहू, यशवंत चंदेल, मदन वर्मा, गिरधर वर्मा, जयप्रकाश विश्वकर्मा , सोमा यादव, इत्यादि धमधा क्षेत्र के किसानों का कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा।

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