नागपुर | ऐडवोकेट अब्दुल अमानी कुरैशी | हर साल की तरह इस साल भी 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई । इस साल पूरे देश में उनकी 134वीं जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हूएहिंदी माता परिवार भारत अंतर्राष्ट्रीय विश्व ज्योति संस्थान ट्रस्ट संस्थापक डाक्टर परमानंद शुक्ल के संरक्षण में डाक्टर बी आर आंबेडकर की जयंती मनाई गयी। कार्यक्रम के संयोजक अब्दुलअमानी कुरैशी ने कहा कि भारत रत्न भीमराव आम्बेडकर स्वतंत्र भारत के गरीब, वंचित व दलित समाज के श्रद्धापात्र मसीहा के रूप मे भारत के साथ ऐसे जुड़े हैं कि भीम और भारत को अलग करना असंभव है। डाक्टर बी.आर.आंबेडकर का राजनैतिक व सामाजिक वुजूद आज भी उनके नाम मे चुनाव के रुख को तय करने की ताकत रखता है, आज भी आंबेडकर करोडो दिलों में बसे हैं।
डाक्टर बी आर आंबेडकर पर पिता के साथ ही बुद्ध, कबीर और ज्योतिबाफुले के व्यक्तित्व ने भी आम्बेडकर के जीवन पर गहन प्रभाव डाला उन्होने बुद्ध से मानसिक शान्ति प्राप्त करने का सूत्र लिया तो कबीर से खरापन और ज्योतिबाफुले से अथक संघर्ष की प्रेरणा लेकर स्वयं अपना जीवन भी वैसे गढ़ा था।उपरोक्त आशय के विचार। हिंदी माता परिवार के प्रचारक अब्दुलअमानी कुरैशी ने व्यक्त किये। डाक्टर बी आर आंबेडकर के स्मारक पर आयोजित माल्यार्पण कार्यक्रम में गुणवंत सोनटक्के,गणेश मोहबे, देवेन्द्र लांजेवार,दिपक खोब्रागडे, अर्पण मेश्राम, निलेश लोणारे, दिलीप बरडे, केतन जुमडे,आकाशश्रीरामे , शेख शरीफ उपस्थित थे