ब्लैक बॉक्स से अंतिम चार मिनट का डेटा हुआ गायब : 179 लोगो की मौत

दक्षिण कोरिया | न्यूज़ डेस्क | दक्षिण कोरिया में पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त हुए जेजू एयरलाइन के यात्री विमान से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है। योनहाप समाचार एजेंसी ने दक्षिण कोरियाई जांचकर्ताओं के हवाले से बताया है कि, दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान के ब्लैक बॉक्स में विस्फोट से पहले के अंतिम चार मिनट का महत्वपूर्ण डेटा नहीं मिला है। यूएस नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) द्वारा किए गए विश्लेषण से पता चला है कि बी737-800 विमान के फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) दोनों ने विमान के टकराने से लगभग चार मिनट पहले ही रिकॉर्डिंग बंद कर दी थी | 

बी737-800 विमान 29 दिसंबर को सुबह 9:03 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे के शिकार होने से पहले ही ब्लैक बॉक्स ने सुबह 8:59 बजे रिकॉर्डिंग बंद कर दी थी। ऐसे में जांचकर्ताओं के लिए दुर्घटना से पहले की घटनाओं का पूरी तरह से आकलन करना मुश्किल हो गया है। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि एफडीआर और सीवीआर डेटा जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन वे सबूत के एकमात्र स्रोत नहीं हैं।

जांच में एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड, दुर्घटना के वीडियो फुटेज और साइट से मलबे सहित सूचना के विभिन्न स्रोतों का विश्लेषण शामिल है। ब्लैक बॉक्स के पुर्जे पिछले सप्ताह एनटीएसबी को भेजे गए थे। इस हादसे में दो फ्लाइट अटेंडेंट  ली (32 वर्षीय) और क्वोन (25 वर्षीय) जिंदा बच गईं थीं। हादसे की जांच कर रहे अधिकारियों के पास सबूत के तौर पर उन दोनों का बचना काफी अहम है। अधिकारी हादसे के कारण का पता लगाने के लिए उनसे जानकारियां इकट्ठा कर रहे हैं।

कैसे हुआ था हादसा 

दक्षिण कोरिया की जेजू एयर एयरलाइंस का बोइंग 737-800 विमान थाईलैंड से दक्षिण कोरिया आ रहा था, लेकिन मुआन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरते समय क्रैश हो गया। विमान रनवे पर फिसलते हुए एक दीवार से टकराया और उसमें धमाके के साथ आग लग गई। विमान में क्रू समेत 181 लोग सवार थे। इनमें से सिर्फ दो ही बच सके और बाकी 179 लोगों की मौत हो गई। यह विमान हादसा दक्षिण कोरिया के सबसे बड़े विमान हादसों में से एक है।  

 क्यों बढ़ रही पक्षियों के विमानों से टकराने की घटना

दक्षिण कोरिया में पक्षियों के टकराने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, साल 2019 में 108 से बढ़कर पिछले साल 152 हो गई हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह बढ़ोतरी जलवायु परिवर्तन से जुड़ी हो सकती है, जिसमें प्रवासी पक्षी स्थायी निवासी बन रहे हैं और हवाई अड्डों पर दिखाई देने वाले पक्षियों के समय और प्रजातियों में बदलाव हो रहे हैं। बता दें कि हवाई अड्डे ध्वनि अवरोधकों और निगरानी प्रणालियों समेत कई प्रतिवादों को अपनाते हैं, जबकि कुछ हवाई अड्डे अब पक्षियों की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए एआई और रडार तकनीक की खोज कर रहे हैं।

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