रीवा। रमेश कुमार ‘रिपु’ | जिला ग्रामाण कांग्रेस अध्यक्ष इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा कहते हैं कि बरसों से कांग्रेस में रहने के बाद वे ही लोग बीजेपी में जा रहे हैं,जिन्हें ठेका चाहिए। ठेके लेने की चाहत में कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर बीजेपी में जा रहे हैं। सवाल यह उठता है कि पहले से बीजेपी में ठेका लेने की चाह रखने वालों की बहुत भीड़ है। उन्हें कितने ठेके मिल जाएंगे। जिले में ज्यादातर वोटरों का कहना है कि इस बार रीवा से कांग्रेस का ही सांसद बनेगा। दिख भी रहा है,कि नीलम मिश्रा की जीत तय है।
जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा ने एक चर्चा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि ठेके की चाहत में लोगों ने कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़ा है। मुझे हैरानी हो रही है, कि कई दशक से कांग्रेस में होने के बावजूद कांग्रेस से बीजेपी में जाने वालों पर। राजनीति विचारधाराओं की लड़ाई है। कल तक जो लोग बीजेपी की खिलाफत करते थे, वो किस मुंह से कांग्रेस की बुराई करेंगे। दरअसल सारा मामला ठेके का है।
केवल ठेका चाहते हैं भगत..
त्रियुगी नारायण भगत शुक्ला पांच साल बाद 75 के हो जाएंगे। बीजेपी में जाकर कौन सा पद पा जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा कोई ठेका मिल जाएगा। लेकिन बीजेपी वाले जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराज से भाई साहब बना सकते हैं तो फिर त्रियुगी नारायण भगत की कितनी अहमियत होगी वो स्वयं भी समझ सकते हैं। सियासी लडा़ई की मोर्चेबंदी में मुझे नहीं लगता कि नई भर्ती वालों को बीजेपी कोई बड़ी तरजीह देगी। उन पर भरोसा कर ले यही बहुत बड़ी बात है।
कांग्रेस का संगठन टक्कर देगा..
इंजीनियर राजेन्द्र शर्मा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जिले में कांग्रेस का संगठन बीजेपी को लोकसभा चुनाव में तगड़ी टक्कर देगा। जनार्दन मिश्रा और मोदी सरकार के प्रति जिले के गांवों में भारी इंटीइन्कमबैसी है। परिवर्तन सभी चाहते हैं। कांग्रेस से बीजेपी में जाने वाले भी परिवर्तन के समर्थक हैं। बीजेपी गलत फहमी की शिकार है। कांग्रेस छोड़कर जाने वाले एक दम से बीजेपी के लिए कैसे काम करने लगेंगे?और क्यों करेंगे? अभी तक जो मिला वो कांग्रेस से मिला। बीजेपी से जब मिलेगा,तब मिलेगा। तब की तब देखी जाएगी।
राजेन्द्र के हितैषी हैं मुजीब..
डाॅ मुजीब के बारे में सभी जानते हैं वो किसके लिए काम करते हैं। उन्होंने हमेशा राजेन्द्र शुक्ला का साथ दिया। प्रत्यक्ष या फिर अप्रत्यक्ष। वो बीजेपी में जाएंगे,इसकी जानकारी हमें हो गयी थी। इसलिए उन्हें नहीं रोका। विधान सभा चुनाव में वे कांग्रेस के लिए कुछ नहीं किया फिर भी कांग्रेस को 56 हजार वोट मिले।उनके बीजेपी में चले जाने पर मुझे नहीं लगता,कि मुस्लिम वोट उनके कहने पर बीजेपी को वोट देंगे।सवाल यह है कि मुस्लिम वोटर आखिर किस बात के लिए,किस काम के लिए बीजेपी को वोट करेगा। मुझे नहीं लगता कि जनार्दन मिश्रा को वोट करेगा।
जनार्दन सवाल नहीं किये..
एक सवाल में उन्होंने कहा कि रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा रीवा के हित के लिए कोई एक सवाल संसद में लगाया हों तो बताएं। उन्होंने रीवा के युवाओं के लिए,किसानों के लिए,महिलाओं के लिए कोई एक काम बता दें, किया हो। उन पर विधायक अभय मिश्रा जो आरोप लगाए हैं,मैं उससे सहमत हूॅं। मैं ही नहीं पूरा रीवा जिले का वोटर सहमत होगा। गैस सिलेंडर हो या पेट्रोल की कीमत बढ़ने पर उन्होंने मीडिया से नहीं कहा कि इसे संसद में उठाऊंगा। झूठ ही बोल देते। इलेक्टोरल बांड का सच सामने आ ही गया है। सरकारी एजेंसी का इस्तेमाल करके खूब चंदा बीजेपी ने बटोरा।
बीजेपी झूठों की पार्टी है…
बीजेपी झूठों की पार्टी है। जनता के साथ वादा करती है,लेकिन कभी करती नहीं। महंगाई सौ दिन में कम करने की बात करके मोदी आए थे। आज देखो महंगाई कितनी हो गयी है। गंगा साफ हो गयी क्या? दो करोड़ नौकरी मिलने लगी क्या? डालर जमीन पर आ गया क्या? नोट बंदी से आतंकवाद खत्म हो गया क्या? काला धन आ गया क्या?जो लोग देश का पैसा लेकर भाग गए थे,उन्हें जेल हो गयी क्या? जुमले की बारिश करने से किसी का पेट नहीं भरता। आज मोदी कहते हैं देश में गरीबी कम हो गयी। रीवा में बेरोजगारी कम हुई नहीं। गरीबी कैसे कम जाएगी। एक देश की संपत्ति बेच रहे हैं और दूसरे रीवा की जमीन औने पौने दाम बेच रहे हैं। विकास किसका हुआ इतने सालों में, आज पूरा रीवा जानता है। इस बार बदलाव की बात ग्रामीण कर रहा है।
कांग्रेस जुमलाबाज नहीं..
कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र जारी किया है,मैं समझता है पढ़ा लिखा तबका उस पर गौर करेगा। पांच न्याय और 25 गारंटी के साथ ही किसानों की भी बात की गयी है। बेरोजेगारों से लेकर महिलाओं के हितों का भी ध्यान रखा गया है।संविधानिक न्याय,श्रमिक न्याय,आर्थिक न्याय किसान न्याय आदि को शामिल किया गया है। कांग्रेस का घोषण पत्र बीजेपी के झूठे संकल्प पत्र से कहीं अधिक सच है। गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपए देने,एमएसपी कानून बनाने और जाति गणना कराने की बात की है। आज पूरा देश ईवीएम का विरोध कर रहा है। मतदान ईवीएम से होंगे, लेकिन वीवीपैट की पर्ची से मिलान किया जाएगा। 10वी अनुसूची में संशोधन का वादा है। कांग्रेस ने पंचायतों और नगर पालिकाओं को फंड ट्रांसफर के लिए एक फार्मूला बनाने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम करेगी। कांग्रेस सत्ता में आई तो दूरसंचार अधिनियम 2023 की समीक्षा करेगी। कांग्रेस जो कहती है करती है,जुमलाबाज नहीं है।