चालीस के पार हुआ पारा : गर्मियों में पानी बर्बाद न करने की

नागपुर | ऐडवोकेट अब्दुल अमानी कुरैशी | माहे रमजान का दुसरा अशरा चल रहा है, यानी आज तकरीबन १५ रोजे हो रहे है , मस्जिदों में जहां कुलर एसी शुरू हो गये है, मस्जिदों के कुओं और बोरवेल का जलस्तर भी घट रहा है। जुमे की नमाज में मस्जिदों के मिंबर से पेशईमामसाहेब ने तकरीर में कहा कि, पानी के संबंध में खुदा कहता है-‘हमने आसमान से पाक और पाकीजा पानी पैदा किया’. इसके अलावा इस्लाम में ‘वजू’ एक ऐसा अमल है जिसके लिए पानी जरूरी है |

कुरान में कई जगह कहा गया कि खाओ, पीओ और बर्बाद न करे., इससे साफ कि, खाना बनाने और भरपुर पानी पिने के लिए पानी का इस्तेमाल करो और बचाने के लिए सख्त हिदायत भी दी गयी, जब की बेवजह पानी के इस्तेमाल के लिए रोका गया है। नागपूर शहर में लगभग सारी नदीयो में पानी बहोत कम रह गया है‌, आज की परिस्थिती को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि,मनपा को अगले महीने धरण से पानी लेने जरूरत पेश आ सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *