लोकतंत्र की मर्यादा का किया जा रहा चीरहरण- सोनिया

जयपुर। राजेश शर्मा | सोनिया गांधी ने कहाए श्हमारा देश पिछले दस साल से एक ऐसी सरकार के हवाले है जिसने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक संकट, असमानता और अत्याचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश का लोकतंत्र खतरे में है। लोकतांत्रिक संस्थाओं को बर्बाद किया जा रहा है। हमारे संविधान को बदलने का षडयंत्र रचा जा रहा है। मोदी जी खुद को महान मानकर देश लोकतंत्र की मर्यादा का चीरहरण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चारों तरफ अन्याय का अंधकार कायम कर दिया है। हम इसके खिलाफ लड़ेंगे और न्याय की रोशनी लाएंगे।

किसान मर रहे है पीएम अपना गुणगान कर रहे हैं

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी रोज झूठ बोलते हैं। उन्हें आम लोगों की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा किसान परेशान हैं हजारों लोग आत्महत्या करके मर रहे हैं और राजस्थान में ये कहते हैं कि मैंने धारा 370 हटा दिया है। यह बात यहां क्यों बोलते हैं वो जम्मू.कश्मीर में जाकर बोलें। वे केवल अपना महिमामंडन करते हैं।

मोदी की गारंटी नहीं देने की है..

खड़गे ने पूछा कि क्या डीजल और पेट्रोल के दाम कर दिए गए। उन्होंने चंबल घाटी परियोजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसको किसने बनाया। बगैर काम किए क्रेडिट लेना पीएम मोदी की हमेशा की बात है। खड़गे ने कहा एम्स आईआईटी, रेलवे आदि कांग्रेस के जमाने में आईं और मोदी कहते हैं कि देश के विकास में काम कर रहा हूं। इस बार नया ड्रामा लाए हैं,वो पार्टी का नाम भी नहीं बोलते और कहते हैं कि मोदी की गारंटी और मोदी है तो मुमकिन है। मोदी की गारंटी नहीं देने की हैजयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में आयोजित सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों में हम भले ही सरकार नहीं बना पाए लेकिन 2004 की तरह 2024 में भी बदलाव होगा और इंडिया गुट चुनाव जीतेगा और सरकार बनाएगा।

यह संघर्ष की आवाज है..

इससे पहले अपनी पार्टी के घोषणापत्र को न्यायपत्र बताते हुए पार्टी की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि इसका नाम न्याय पत्र इसलिए रखा गया है क्योंकि यह संघर्ष की आवाज है। उन्होंने कहा रोजगारी चरम पर है दस साल से बीजेपी की सरकार ने इस समस्या के लिए कुछ नहीं किया। हमारे घोषणा पत्र को हमने न्याय पत्र का नाम दिया है ताकि ये स्पष्ट हो कि ये सिर्फ घोषणाओं की एक सूची नहीं है जिन्हें हम चुनाव के बाद भूल जाएंगे। ये एक संघर्ष की आवाज है इस देश की आवाज है जो आज न्याय मांग रही है।

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